About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ here ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
గమనిక: శరన్నవరాత్రుల సందర్భంగా "శ్రీ లలితా స్తోత్రనిధి"
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः